भारत एक महानगरी है। किसी भारत में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। काफी वर्षों की लड़ाई के बाद Ram Mandir Ayodhya का निर्माण हो पाया है। अयोध्या एक मंदिर नहीं बल्कि संस्कृत गौरव का प्रतीक भी माना जाता है। भगवान राम जी की दर्शन करने के लिए भारत के कोने कोने से लोग की संख्या में यहां आते हैं और दर्शन करते हैं। लोगों को काफी वर्षों से इंतजार था कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो। भगवान श्री राम का दर्शन करने के लिए हर साल करोड़ों में श्रद्धालु आते हैं।
राम जन्मभूमि का इतिहास
रामायण के अनुसार अयोध्या की स्थापना सूर्यवंशी राजा दशरथ ने की थी। और इसी अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। और यहीं से भगवान राम का धर्म त्याग और मर्यादा की कहानी की शुरु आत हुई थी। अयोध्या हमेशा से ही हिंदुओं के लिए एक मंदिर रहा है। यही कारण है कि आज के समय में हिंदुओं के पास भगवान श्री राम जी विराजमान है।
1528 ईस्वी में मुगल सेना पति अमीर बाकी मैं इस अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण कर लिया था जिसके बाद ही विवाद शुरू हो गया था हिंदू और मुस्लिम के बीच विवाह शुरू हो गया था। हिंदुओं का मानना था कि इस मस्जिद की जगह पर भगवान श्री राम जी का स्थान है। यही कारण है कि इस विवाद को लेकर कोर्ट में काफी सालों तक चर्चा होती रही है।

भूमि विवाद और कानूनी लड़ाई
राम मंदिर का मुद्दा सदियों से ही चला रहा है। और यही कारण है कि यह मुद्रा राजनीति वह भी बन चुका था। तथा इसी विवाद को लेकर 1853 ईस्वी में पहली बार यहां पर बहुत सारे दंगे फसाद हुए हैं। और इसी साल में इसका मुकदमा दर्ज हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर सन 2019 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। और कोर्ट ने या फैसला सुनाया कि इसी मंदिर को तोड़कर इसकी जगह राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का कोर्ट ने आदेश दिया था।
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6 दिसंबर 1992 को मजदूरों के द्वारा बाबा री ढांचा को गिरा दिया गया इसी बाबरी ढांचा को गिराने के बाद देशभर में तनाव का माहौल फैल गया।
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Ram Mandir Ayodhya का निर्माण
Ram Mandir Ayodhya का निर्माण भारत के इतिहास में आस्था और न्याय की सबसे बड़ी जीत है। जानिए इसका पूरा इतिहास, निर्माण की प्रक्रिया, रामलला की प्रतिमा और मंदिर की विशेषताएं।। और इसी पूजा पाठ के बाद मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया को शुरू किया गया।

मंदिर निर्माण की मुख्य बातें
इस मंदिर को बनाने में लगभग 1800 करोड़ से भी अधिक की धनराशि खर्च की गई है। इन मंदिरों बिना कोई स्टील या लोहे के द्वारा यह पुरी मंदिर को बनाया गया है। इस मंदिर को बनाने में जो पत्थर लगे हुए हैं। वह राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थर है। इस मंदिर को देखने के बाद ऐसा ही लगता है जैसे कि मानव की हम लोग जन्नत में आ गए हैं। इसको इतनी सुंदर से डिजाइन किया गया है कि एक बार अगर यहां आ जाओ तो यहां बार बार आने का मन करता ही रहता है।
निष्कर्ष
Ram Mandir Ayodhya 500 वर्षों के संघर्ष के बाद हिंदुओं के संघर्ष को विजई मिल पाई है। राम मंदिर अयोध्या ना केवल एक मंदिर है बल्कि एक धार्मिक इतिहास का गौरव शक्ति है। से पाने के लिए हिंदुओं ने बहुत मेहनत की है।
किसी मंदिर को देखते हुए आने वाले वीडियो खोया संदेश मिलेगा की लड़ाई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है। जो जो अपनी हक की लड़ाई लड़ता है ऊपर वाला भी उसी का साथ देता है।